बचपन में एक फिल्म देखी थी "मिस्टर इंडिया" .....जितनी समझ थी उतने में एक बात यही समझ में आई फिल्म बहुत अच्छी है ...फिल्म में एक मोगेम्बो था .....हे मोगेम्बो सुनना उसे अच्छा लगता था ...लोगों को सताता था ,डरता था जब भी परदे पर आता था डर लगता था...मगर वहीँ एक मिस्टर इंडिया भी था जो डरावना बिलकुल नहीं था वो अनाथ बच्चों की देख रेख करता था। उसे गायब होना आता था। ..शायद इस लिए बुरे लोग उससे डरते थे ...वो बुराइयों को ख़त्म करने के लिए अपनी शक्ति का प्रयोग करता था। ..एक लड़की उससे प्रेम करती थी, वो मिस्टर इंडिया के कारनामों से प्रभावित थी।... आप कहेंगे कि मैंने मिस्टर इंडिया पर लेख लिखना शुरू कर दिया ...तो मेरा ऐसा कोई विचार नहीं..चलिए थोडा कल्पना के घोड़े दौड़ा लेते है ...अगर हम सभी को मिस्टर इंडिया के जैसे गायब होने की शक्ति प्राप्त हो जाए तो क्या होगा...
(१) सबसे पहले भारत की जनसंख्या का सही सही अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जायेगा क्यों की ज्यादातर इन्सान गायब हीं रहेंगे आप गिनोगे किसको। .
(२) एक गायब मिस्टर इंडिया लाखो गायब मोगेम्बो का कुछ नहीं बिगड़ पायेगा ..एक दिन तंग आकर मिस्टर इंडिया भी मोगेम्बो बन जायेगा।
(३) हमारे कई ब्लॉगर भाई ब्लॉग की दुनिया से गायब नजर आयेंगे उनमे कुछ विशेष नाम ,महफूज़ भाई ,ललित जी,समीर लाल सर ,गोदियाल साहब ,वंदना दी , रविजा दी ,संगीता मैम,आदि प्रमुख हें क्यों की उन्हें गायब होकर जीने में जो मज़ा आएगा वो ब्लॉग की दुनिया से बिलकुल अलग होगा और ये संवेदनशील लोग अन्य लोगों के प्रोत्साहन के लिए टिपण्णी नहीं देंगे मगर गायब होकर ब्लॉगर मीट में जरुर पहुंचेंगे (मैंने नाम बस यु हीं चुना है कृपया अन्यथा ना लें )
(४) पत्नी पीड़ित अपनी पत्नी से बचने के लिए गायब हो जायेंगे और पत्नी प्रेमी पूरी दुनिया से गायब रह कर पत्नी के इर्द गिर्द पाए जायेंगे
(५) पुलिस गायब लोगों की रिपोर्ट. नहीं लिखेगी ...
(6) राम देव बाबा, केजरीवाल साहब को कांग्रेस गायब होकर शायद समर्थन करेगी ....
और भी बहुत सी संभावनाएं हैं ........कुछ आप भी जोड़ सकते हैं .......आपको क्या लगता है , ज़रूर अवगत कराएँ।
----अरशद अली ----
6 comments:
kash koi bhi gayab n ho .सुन्दर प्रयास कलम आज भी उन्हीं की जय बोलेगी ...... आप भी जाने @ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .
ढूंढना होगा इन लोगों को ...
rochak post
सीखा...(टैगलाइन)
फिल्म देखी थी...
हे मोगेम्बो...
अनाथ...
आप कहेंगे कि...
विचार...
जनसंख्या...
क्योंकि...
लाखों...
लोगों की रिपोर्ट...
अपनी इसी पोस्ट में ये सब लिख दीजिए, सारे गुम ब्लॉगर अलादीन के चराग जैसे लौट आएंगे....
जय हिंद...
सहगल साहब ...शुक्रिया
:-) सही है.... लेकिन कम से कम गोदियाल साहब तो गायब नहीं हुए हैं...
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