Sunday, January 24, 2010

मरने के बाद अगर मुझे एक कविता लिखना हो तो क्या लिखूंगा .....

आज यही सोच रहा था.. जीवन के कई रंगों को जीने की लत लगी हुई है..क्या भला है क्या बुरा चंचल मन भली भाती जानता है .जन्म से मृत्यु तक अनेकों रंग देखना है.जैसा रंग मिलेगा वैसी कविता का जन्म हो जाएगा मगर यदि मरने के बाद एक कविता लिखने का मौका मिले तो मै क्या लिखूंगा .......इसी सींच में डूब कर जो पंक्तियाँ जन्म ली वो आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ

मेरी म्रत्यु
मेरा कब्र
कब्र के अन्दर
मेरा दर्द
शान्त पडी हुई
ये मट्टी
जिसमे संवेदना
प्रखर
सडा रही है
लाश को मेरे
फिर भी
मौन खडा पत्थर
बतलायेगा उनको
मेरे जीने
का हुनर
सव्छंद बिचारा
अब शांत पड़ा
जीवन का
अंतिम प्रहर
खूब किया हेरा फेरी
अब मेरे हिस्से
मेरा कब्र ...


---अरशद अली--

8 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

मेरी म्रत्यु
मेरा कब्र
कब्र के अन्दर
मेरा दर्द
शान्त पडी हुई
ये मट्टी
जिसमे संवेदना
प्रखर
सडा रही है
लाश को मेरे
फिर भी
मौन खडा पत्थर
बतलायेगा उनको
मेरे जीने
का हुनर
सव्छंद बिचारा
अब शांत पड़ा
जीवन का
अंतिम प्रहर
खूब किया हेरा फेरी
अब मेरे हिस्से
मेरा कब्र ...
अरशद जी, आपकी रचना का शीर्षक पढने से तो लगा कि आप कोई मजाकिया बात कहना चाह रहे है लेकिन कविता से वाकई बहुत सारा दर्द छलकता है , बहुत सुन्दर !

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

वर्ड verification हटा दे तो टिपण्णी करने में आसानी रहती है

पूनम श्रीवास्तव said...

्मन को छूने वाली कवित है आपकी----

Nai Kalam said...

arshad sahab,
bada ajeeb sa likhte hain , yahi to ek kavi man hai shayad jo koi na soche wo shayar soche.
har ek kavita aapki sochne ko majboor karti hai.
nai qalam pe padharne ke liye bahut- bahut shukriya. aur sabse khas kisi ne kisi ki vedna ko bakhubi pahchana.
tumhen kya maloom ye shadi ka ghar hai?

shahid "ajnabi"

Urmi said...

बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है! इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई!

Narendra Vyas said...

निःशब्द हूं इस रचना के आगे.....दिल तक उतर गइ आपकी रचना बहुत बधाई!!

Chakreshhar Singh Surya said...

subject is very interesting...MArne ke baad

Best wishes.

दिगम्बर नासवा said...

मौन कर गयी आपकी रचना ..... शब्द जब ख़त्म हो जाते हैं तो ऐसी रचनाएँ बोलना शुरू करती हैं .......... बहुत लाजवाब ...........