Tuesday, February 9, 2010

कुछ तो लोग कहेंगे




पुरानी धुन सुना तो ऐसा लगा की मेरे मन की छुपी बात को हीं गायक ने दुहराया है
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना...............
आज पड़ोस के अंकल ने मुझसे कई साल बाद पूछ हीं लिया की मुझे अंकल क्यों कहते हो भैया कहा करो.
मेरा मन खुश था की मुझे अपने आस पास के लोग नोटिस तो करने लगे नहीं तो पहले कभी ऐसा कहाँ हुआ था की बचपन से जिन्हें देख कर बड़ा हुआ वो मुझसे रिक्वेस्ट कर के बात करे. आज मै अंकल को अंकल नहीं भईया कह कर अंपने बड़े होने पर गर्ब कर ही रहा था की आंटी पर नज़र पड़ गयी.आखे गोल कर अभी सोंच हीं रहा था की अंकल तो अभी अभी भईया बन गए अब आंटी को भाभी कह देने पर कोई सामाजिक परेशानी तो नहीं हो जाएगी...
कई बिचारों से गुजरते हूए इसी नतीजे पर पहुँचा की आंटी से हीं पूछ लेना बेहतर होगा,आंटी को थोड़ी देर पहले की बात बताने पर आंटी को गंभीर होते देख यही महसूस हुआ की आज मेरी, नहीं तो अंकल की सामत आई है.
अभी अभी माफ़ी मांगने वाला था की आंटी ने इतना कहा की मुझे मोहल्ले के लडको से भाभी सुनना बिलकुल पसंद नहीं,ऐसा करो तुम मुझे दीदी कह लिया करना.मै मन हीं मन सोंच रहा था की अजब उलझन है अंकल भैया हूए तो हूए आंटी दीदी बन कर रिश्तों के समीकरण में भूचाल लाने पर क्यों तुली हें.चलिए दुनिया तो हर हाल में मुझे अनाप सनाप कहेगी हीं .भले हीं रिश्तों में कोई तालमेल नहीं पर अंकल भैया आंटी दीदी के बीच में सोनू मोनू जो कल तक मुझे भैया कहते थे अब मुझे क्या कहेंगे????
अंकल के भैया सुनने की लालसा ने मुझे सोनू मोनू के भैया से अंकल बना डाला...

मै अपने को इस बात से मनाता रहा की

कुछ तो लोग कहेंगे .......................

--अरशद अली --

5 comments:

संगीता पुरी said...

सोनू मोनू के अंकल बनने से आपका कद तो बढ गया .. बहुत बधाई !!

दिगम्बर नासवा said...

रिश्तों के नाम के गड़बड़ झाले से निकल कर ...... असली रिश्ते जो दिल के करीब हों उनको मानना चाहिए ......
कहने में क्या है ...... "कुछ तो लोग कहेंगे "

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बड़ी मासूमियत से बड़ी ही गूढ़ बात कह गए दोस्त !:)

Udan Tashtari said...

सच में कुछ तो लोग कहेंगे. अच्छा लिखा है.

सस्नेह

तुम्हारा

समीर भैया

:)

Urmi said...

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! इस उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!